भाजपा ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। एनडीए के इस फैसले के बाद एनडीए के सहयोगी शिवसेना और विपक्षी दलों में नाराजगी साफ देखने को मिली।
रामनाथ कोविंद ने बिहार के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा। उनके इस्तीफे के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
रामनाथ कोविंद को बिहार चुनाव 2015 से कुछ माह पहले राज्यपाल बनाया गया था। उनको राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने के पीछे बीजेपी की यह रणनीति है कि एक तो वह एक साफ-सुथरी छवि वाले राजनेता हैं और दूसरा वो दलित बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए भाजपा ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। एनडीए के इस फैसले के बाद एनडीए के सहयोगी शिवसेना और विपक्षी दलों में नाराजगी साफ देखने को मिली।
राजनाथ ने ट्वीट किया, श्री रामनाथ कोविंद जी से मुलाकात की भारत के राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर उनके नामांकन पर मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी
कल बीजेपी ने सुर्खियों से आमतौर पर दूर रहने वाले दलित नेता और दो बार राज्यसभा में बीजेपी के सांसद रहे कोविंद के नाम की राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर घोषणा की थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पांच साल का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है।
ममता बनर्जी ने कहा, प्रणव मुखर्जी या, यहां तक कि सुषमा स्वराज या लाल कृष्ण आडवाणी के कद के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता था।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, रामनाथ कोविंद का नाम पहले नहीं सुझाया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब घोषणा की गई, तब हमें पता चला। राउत ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार को समर्थन देने के मुद्दे पर फैसला करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाएंगे।
सीपीआईएम प्रमुख सीताराम येचुरी ने कहा, रामनाथ कोविंद जी आरएसएस के दलित शाखा के प्रमुख थे, वो एक राजनीती हुआ ना। ये सीधा सीधा राजनीतिक टकराव है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कोविंद शुरू से ही बीजेपी और संघ से जुड़े हैं, इसलिए हमारी पार्टी उनकी राजनीति पृष्ठभूमि को लेकर सहमत नहीं है। अगर विपक्ष कोई लोकप्रिय दलित का नाम इस पद के लिए लाता है तो वे उस पर भी विचार करेंगी।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी का यह फैसला एकतरफा है। आजाद ने कहा, रामनाथ कोविंद का नाम फाइनल करने से पहले कांग्रेस को कोई सूचना नहीं दी गई थी। कोविंद को समर्थन देने न देने के सवाल पर उन्होंने कहा, पार्टी विपक्ष की दूसरी पार्टियों से बात करके अपना स्टैंड क्लियर करेगी