लवे में सफर के दौरान मिलने वाले खाने को लेकर सीएजी यानी कि महालेखा नियंत्रक की रिपोर्ट में रेलवे को कटघरे में खड़ा किया
देश के यातायात की सबसे बड़ा नेटवर्क इस बार खराब खाने को लेकर चर्चा में है। रेलवे में सफर के दौरान मिलने वाले खाने को लेकर सीएजी यानी कि महालेखा नियंत्रक की रिपोर्ट में रेलवे को कटघरे में खड़ा किया। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि खाना साफ सफाई, गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नही उतरता।
CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि बेस किचन रेलवे स्टेशन से काफी दूरी पर बने हैं जहां पर किसी भी तरह का कोई क्वालिटी चेक नहीं होता और ना ही क्वालिटी को सुधारने, साफ-सफाई और स्वच्छता के पैमाने पर पर खरा उतरता है।
सीएजी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि रेलवे में परोसे जाना वाला जनता मील को रेलवे ने ये कहकर शुरू किया था कि इससे रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों को सस्ते दर पर अच्छा खाना मिलेगा लिख लेकिन पिछले 3 सालों में जनता मील में भी गिरावट आई है साथ ही जनता मील रेलवे स्टेशनों पर समुचित मात्रा में उपलब्ध ही नहीं होता।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे में मिलने वाले खाने को लेकर ना तो साफ-सफाई और ना ही स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले और रेल में यात्रा करने वाले यात्रियों को जो सामान बेचा जाता है उसकी कीमत के बारे में कोई साफ-साफ जानकारी नहीं दी जाती और ना ही कोई बिल दिया जाता है। इतना ही नहीं जो सामान परोसा जाता है वह मात्रा में कम होता है और बाजार भाव से ज्यादा कीमत वसूली जाती है।
रेलवे ने खाने की शिकायत को लेकर शिकायत केंद्र भी बनाए हैं लेकिन उससे भी शिकायतों का ना तो निपटारा हो पा रहा है और ना ही शिकायतों में किसी तरह की कमी आयी है।
ऐसा नहीं है ये रेलवे के खाने को लेकर इस तरह से पहली बार सवाल उठे हों इससे पहले भी इस तरह सवाल उठते रहे हैं पर खाने की क्वालिटी में कोई सुधार नहीं हुआ।