राजधानी के कमानी सभागार में तीन दिवसीय 13वें सामापा संगीत सम्मेलन की शुरूआत हुई। सुर-लय-ताल से सजी इस संगीत संध्या में झूमते व मस्त नज़र आये दिल्लीवासी। कार्यक्रम की शुरूआत पारम्परिक दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। जिसके बाद डी.ए.वी. स्कूल नोएडा के छात्रों ने सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। तीन दिवसीय इस संगीत सम्मेलन में पहले दिन युवा कलाकार सैफ नईम अली की ठुमरी, चेतन जोशी की बांसुरी, कलापनी कोमकली के गायन और अभय रूस्तुम सोपोरी के संतूर ने श्रोताआें को मंत्र-मुग्ध किया।
युवा कलाकार सैफ नईम अली ने ठुमरी ‘मैंने लाखों के बोल सहे..’ और दादरा ‘बरसन लागो बूंदियारा जागे..’ के साथ संगीतमयी संध्या की शुरूआत की। उनके बाद चेतन जोशी ने राग हेमंत में अपना बांसुरी वादन प्रस्तुत किया। उन्होंने एक के बाद एक बांसुरी से विविधता भरा संगीत रस बिखेरा। शाम की तीसरी प्रस्तुति कलापनी कोमकली की रही, उन्होंने राग केदार प्रस्तुत किया। पहले दिन के संगीत स्वरलहरियों को संतूरवादक व संगीतकार अभय रूस्तुम सोपोरी ने अपने सशक्त संतूर वादन से उपस्थित श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध करते हुए विराम दिया। अभय ने राग जोग और राग वाग्तेश्वरी प्रस्तुत किये, जहां उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में संतूर रस से सभी को सराबोर किया।
जहां एक तरफ युवा भारतीय कला संस्कृति की अपेक्षा मॉडर्न संगीत को तवज्जो देते हैं वहीं सैफ नईम अली जैसे कलाकार अपने कार्यक्रम के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित कर रहे हैं। उनके कार्यक्रम में उनकी प्रतिभा का जौहर बखूबी देखने को मिला। वहीं चेतन जोशी की बांसुरी और कलापनी कोमकली के गायन का जादू श्रोताओं पर पूर्णतया छाया था। युवा संतूर वादक व संगीतकार अभय रूस्तुम सोपोरी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बेहरतीन संगीत साज से सजी इस महफिल की रंगत को गुंजायमान किया। आलाप-जोड़-झाला व ताल इत्यादि से परिपूर्ण उनका प्रस्तुतिकरण देखते ही बनता था।
कार्यक्रम के दूसरे दिन युवा प्रतिभा दिव्यांश श्रीवास्तव (संतूर), श्री बहाउद्दीन डागर (रूद्र वीणा) के अतिरिक्त पं. विजय शंकर मिश्रा के नेतृत्व में स्वर-लय-संवाद का आयोजन होगा जिसमें शरबरी बनर्जी व पदमजा चक्रवर्ती का गायन, मनोज मिश्रा व आशीष मिश्रा का तबला और घनश्याम सिसोदिया की सांरगी शमिल रहेगी। जिसके बाद पंडित विद्याधर व्यास (गायन) के साथ दूसरा दिन सम्पन्न होगा। सम्मेलन के तीसरे व अंतिम दिन विदूषी मंजू मेहता (सितार), पंडित विनायक तोर्वी (गायन) और पंडित भजन सोपोरी (संतूर) के कार्यक्रम 13वें सामापा संगीत सम्मेलन का समापन करेंगे। संगीत कार्यक्रम के अतिरिक्त फेस्टिवल के दौरान जम्मू-कश्मीर के कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है।
सामापा संगीत सम्मेलन के दूसरे व तीसरे दिन प्रतिष्ठित सामापा पुरूस्कार भी दिये जायेंगे। 2017 के वार्षिक पुरूस्कारों हेतु; अनुभवी तबला वादक पं. आनिंदो चटर्जी (कोलकाता) और गायक पंडित विनायक तोरवी (बेंगलुरु) को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके आजीवन योगदान के लिए ’सामापा वितस्ता पुरस्कार’, अहमदाबाद से सांस्कृतिक संगठन सप्तक को’सामापा कलावर्धन सम्मान’, जिसे प्रसिद्ध सितार वादिका एवम् सप्तक की फाउंडर सदस्य विदूषी मंजु मेहता प्राप्त करेंगी। कश्मीरी कला, संस्कृति और भाषा में योगदान के लिए डॉ रफ़ीक मसूदी और कशमीर के सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास में योगदान के लिए दुनिया के सबसे बड़े जीवित नृविज्ञानशास्त्री में से एक डॉ टी.एन. मदन को ’सामपा नुंद ऋषि सम्मान’, डॉ0 देवदत्त शर्मा (जयपुर) को संगीत समीक्षक और लेखक के रूप में कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान देने के लिए ‘सामापा आचार्य अभिनव गुप्त सम्मान’, दिया जायेगा। इस वर्ष सामापा द्वारा ‘संगीत तेजस्वी सम्मान’ स्थापित किया गया है, जो उन प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाएगा जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध रुद्र वीणा के प्रतिपादक उस्ताद मोही बहाउद्दीन डागर (महाराष्ट्र), प्रसिद्ध बांसुरी वादक चेतन जोशी (दिल्ली) और प्रसिद्ध संगीतकार जसपालमोनी (दिल्ली) को प्रस्तुत किया जा रहा है। वहीं हिन्दूस्तानी शास्त्रीय संगीत (पखावाज) के क्षेत्र में उनकी विशिष्ट प्रतिभाओं और उपलब्धियों की मान्यता के लिए ऋषि शंकर उपाध्याय (दिल्ली) को ’सामापा युवा रतन सम्मान’ से सम्मानित किया जायेगा।
सम्मेलन का आयोजन संगीत लीजेंड पंडित भजन सोपोरी एवम् संगीतकार अभय रूस्तुम सोपोरी के नेतृत्व में देश की लोकप्रिय संगीत संस्था सामापा (सोपोरी अकादमी ऑफ म्यूज़िक एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स) द्वारा प्रति वर्ष किया जाता है और यह दिल्ली के सबसे बड़े वार्षिक संगीत महोत्सव में एक के रूप में प्रख्यात संगीत समारोह है। यह एक ऐसा मंच है जहां प्रतिष्ठित व नामचीन कलाकारों के साथ इस मंच पर युवा कलाकारों को भी मौका मिलता है।
मौके पर पंडित भजन सोपोरी ने कहा कि यह हमारे वार्षिक संगीत समारोह का 13वां वर्ष है और पिछले 13 वर्षां में विभिन्न कार्यक्रमों, प्रस्तुतियों के माध्यम से सामापा ने नये आयाम भी कायम किये हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी सभी संगीत प्रेमियों के बीच हम सशक्त कलाकारों सहित युवा प्रतिभाओं को लेकर आये हैं और हमें उम्मीद है कि संगीत प्रेमियों को हर वर्ष की तरह हमारा यह प्रयास पसन्द आयेगा।