आईएनएक्स डील में आर्थिक हेराफेरी और कानूनी गड़बड़ियों के आरोपी कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर मुकदमों पर किस हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगा.अप्रैल के पहले हफ्ते में जब इस मामले की सुनवाई होगी तब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि कार्ति से संबंधित मामलों की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट करेगा या दिल्ली हाईकोर्ट.
दरसअल कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था वो तमिलनाडु के रहने वाले हैं लिहाजा ED से संबंधित मामलों को मद्रास हाईकोर्ट ट्रांसफर किया जाए, लेकिन इसमे तकनीकी पेंच यह फंस रहा है कि उनके खिलाफ FIR दिल्ली में दर्ज हुई है.
लिहाजा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलील है कि मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में ही चलनी चाहिए. फिलहाल दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 3 अप्रैल तक के लिए टाल दी.
कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल सुब्रमण्यम जैसे वरिष्ठ वकीलों ने कार्ति की ओर से दलील पेश की उनके मुवक्किल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कोई मामला नहीं बनता क्योंकि इस मामले में किसी लोक सेवक से पूछताछ नहीं की गयी है और ना ही आरोपी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि मामले में दायर प्राथमिकी में यह नहीं कहा गया है कि किस लोकसेवक या विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड( एफआईपीबी) के किस अधिकारी को प्रभावित किया गया.
कार्ति ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब सीबीआई उन्हें हिरासत में रखकर और पूछताछ करने की इजाजत नहीं मांग रही है तो उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों रखा जाना चाहिए. कार्ति ने उन्हें 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने के एक अदालत के आदेश के कुछ घंटों के भीतर जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.