फेसबुक के फाउंडर जकरबर्ग को ब्रिटेन में संसदीय समिति के सामने पेश होने का फरमान।
फेसबुक दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म विवादों में घिरा हुआ है। कहा जा रहा है कि फेसबुक पर करीब 5 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियां लीक हुईं थी जिसका फायदा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के लिए काम कर रही फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उठाया। आरोप लगा है कि फर्म ने वोटर्स की राय को मैनिप्युलेट करने के लिए फेसबुक यूजर्स डेटा में चोरी की है। ट्रंप का चुनावी कैंपेन संभाल चुकी कैंम्ब्रिज एनालिटिका का भारत के चुनावों के साथ भी कनेक्शन है। इसकी वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसे कॉन्ट्रैक्ट मिला था और कुल टारगेट सीटों में से 90 फीसदी से अधिक पर इसके क्लाइंट को भारी जीत हुई थी। चर्चा में आ रहा है कि भारत में 2019 के यह फर्म आम चुनावों के लिए भी राजनीतिक दलों के संपर्क में है।
यानी केवल अमेरिका ही नहीं, भारत समेत पूरी दुनिया के चुनाव इस नई तरह के बिग डेटा ऐनालिसिस से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। 2016 में अमेरिकी चुनाव में डाॅनल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत का श्रेय कैम्ब्रिज एनालिटिका को भी दिया गया। गार्जियन और मीडिया रिपोर्टस के जॉइंट एक्सपोज में इस फर्म के संस्थापक क्रिस्टोफर वाइली ने इसके काम करने के तरीकों का खुलासा किया था।
वाइली ने 2014 में ही इस कंपनी को छोड़ दिया था। वाइली ने खुलासा किया कि कैसे कानूनी ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को अवैध तरीके से हासिल उनकी पसंद-नापसंद के आधार पर वोटर बेस को मैनिप्युलेट करने का काम किया। इस रिपोर्ट ने अपने यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए प्रति फेसबुक की नाकामी को भी उजागर किया। फेसबुक के फाउंडर जकरबर्ग को इस मामले में ब्रिटेन की संसदीय समिति के सामने पेश होने का फरमान मिला है