नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएटस लिमिटेड को 200 करोड़ रुपये सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दिए है. कोर्ट ने 100 करोड़ अप्रैल 15 तक और अन्य 100 करोड़ दस मई तक कराने होंगे. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि जेपी खरीदारों के पैसे पर बैठे नहीं रह सकता. हमें खरीदारों की चिंता है, कोर्ट खरीदारों को फ्लैट दिलाने या पैसे दिलाने में मदद करना चाहते हैं.
उच्चतम न्यायालय ने जेएएल से कहा कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीदारों का परियोजना- दर- परियोजना चार्ट जमा करें, ताकि उन्हें आनुपातिक आधार पर धन वापस किया जा सके. शीर्ष न्यायालय ने कहा, ‘अभी हम रिफंड को लेकर चिंतित हैं. जो मकान खरीददार फ्लैट चाहते हैं उनके मुद्दों पर बाद में बात करेंगे.’ इस बीच जेएएल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 31,000 मकान खरीददारों में से केवल 8 प्रतिशत ने रिफंड का विकल्प चुना है और बाकी चाहते हैं कि फ्लैट उन्हें सौंप दिया जाए.
जेपी एसोसिएटस लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर कहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि था कि JAL हलफनामा दाखिल कर बताए कि देशभर में उसके कितने हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं. एमिक्स पवन सी अग्रवाल होम बॉयर्स को लेकर JAL के लिए अलग से वेब पोर्टल बनाएंगे.
RBI की इंफ्राटेक के साथ साथ JAL के खिलाफ भी दिवालियएपन की कारवाई शुरु करने की अर्जी पर बाद में सुनवाई होगी. JAL के स्वतंत्र निदेशकों को फिलहाल कोर्ट पेशी से छूट, लेकिन देश छोड़कर ना जाने के निर्देश बरकरार रहेंगे.