शी ने मंगलवार को चीन की संसद के सत्र के समापन पर कहा कि कहा कि चीन अपने दुश्मनों के खिलाफ ‘खूनी जंग लड़ने’ के लिए हरदम तैयार है. इसी सत्र में उनके दूसरे कार्यकाल पर मुहर लगी और उनके आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता भी साफ हुआ है.शी ने 13वीं नेशनल पीपल्स कांग्रेस में कहा, ‘चीन के लोगों के पास अदम्य साहस और जिद होती है. चीन के लोगों का सबसे बड़ा सपना है कि वे अपने देश का कायाकल्प करें. हम अपने दुश्मनों के खिलाफ खूनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध हैं. हम दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए बेताब हैं.’
हालांकि शी ने अपने भाषण में चीन के दुश्मनों की पहचान जाहिर नहीं की है. जिनपिंग ने कहा कि चीन अपनी जमीन का एक इंच भी किसी को नहीं लेने देगा. शी के इस भाषण के बाद अंदेशा लगाया जा रहा है कि उसका इशारा दक्षिणी चीन सागर में पड़ोसियों से चल रहे विवाद के साथ ही LAC पर चल रहे भारत के साथ विवाद की ओर भी है.
आपको बता दें कि चीन का भारत के साथ लंबे वक्त से सीमा विवाद चल रहा है. अंतरराष्ट्रीय राजनीति के जानकार विश्लेषण कर रहे हैं कि क्या जिनपिंग भी कम्युनिस्ट चाइना के संस्थापक माओ की तरह राष्ट्रवाद को प्रमुख मुद्दा बनाने जा रहे हैं.
जिनपिंग ने कहा, ‘हमारे पास दुनिया में अपनी उचित जगह हासिल करने लायक क्षमता है. हम करीब 170 सालों से उस महान सपने के लिए लड़े हैं. आज चीन के लोग उस सपने के सबसे ज्यादा करीब हैं और सबसे ज्यादा भरोसेमंद भी हैं.’