सोल: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने ऐतिहासिक शिखर वार्ता में दक्षिण कोरिया के अपने समकक्ष से कहा कि अगर अमेरिका कोरियाई युद्ध को औपचारिक रूप से खत्म करने का वचन दे और उत्तर कोरिया पर हमला नहीं करने का वादा करे तो उनका देश परमाणु हथियारों को त्यागने को तैयार है.
सोल में अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. शुक्रवार को मून और किम के बीच हुई शिखर वार्ता में उन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी से निरस्तीकरण करने की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था.
मून के प्रवक्ता यून यंग-चान के मुताबिक किम ने कहा कि एक बार हम बात करना शुरू कर दें तो अमेरिका जान जाएगा कि मैं ऐसा इंसान नहीं हूं कि दक्षिण कोरिया, प्रशांत या अमेरिका पर परमाणु हथियार से हमला करूंगा.
यून ने किम के हवाले से कहा कि अगर हम जल्दी-जल्दी बैठकें करें, अमेरिका के साथ विश्वास बहाली कर पाए और युद्ध को खत्म करने तथा गैर आक्रामकता संधि का वादा मिले तो हमें अपने परमाणु हथियार रखकर मुश्किल में जीने की क्या जरूरत है?
कोरियाई प्रायद्वीप तकनीकी रूप से जंग की स्थिति में है क्योंकि 1950-53 के कोरियाई युद्ध को संघर्ष विराम के लिए जरिए रोका गया था. शांति संधि के जरिए नहीं.
गौरतलब है कि नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग उन ने शुक्रवार को अपने सरहद की सीमा पार करके दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून से मुलाकात की थी. किम ने इस मुलाकात पर कहा कि इतना भी मुश्किल नहीं था ये लाइन पार करना. जब मैं चल कर आ रहा था तो सोच रहा था, क्यों इतना मुश्कि्ल था यहां तक आना?’
किम जोंग उन ने कहा कि ‘ये लाइन इतनी भी बड़ी नहीं थी कि पार न की जा सके. यहां आना बहुत आसान था. लेकिन हमें यहां आते-आते 11 साल लग गए.’ वहीं, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने कहा, ‘बॉर्डर की लाइन अब बंटवारे का नहीं बल्किे शांति का नया प्रतीक है. किम के निर्णय की सराहना करनी चाहिए.’
उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग ने ऐतिहासिक अंतर कोरियाई सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार सुबह पैदल ही सीमा पार की. बता दें कि किम जोंग उन 1950-53 के कोरियाई युद्ध की समाप्ति के बाद से दक्षिण कोरिया की धरती पर कदम रखने वाले पहले उत्तर कोरियाई शासक हैं.