नई दिल्ली:पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बाढ़ की वजह से विकराल स्थिति पैदा हो गई है.. बाढ़ से अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. असम सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य में अकेले 12 लोगों की मौत हो चुकी है. सवा चार लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर होजाई, कर्बी एनलौंग ईस्ट, कर्बी एनलौंग वेस्ट, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी, चाचर ज़िले हैं. इनमें से भी करीमगंज और हैलाकांडी सबसे अधिक प्रभावित है जहां क़रीब 3 लाख सत्तर हज़ार लोग बाढ़ की चपेट में हैं. घर-गृहस्थी बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं. फसल भी पानी में डूब चुकी है और प्रमुख सड़कें धंस गई हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा रहा है.
मणिपुर की बात करें तो राजधानी इंफाल में हालात में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन थॉबल, इंफ़ाल वेस्ट में हालात जस के तस बने हुए हैं. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि उन्होंने फोन पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी है. साथ ही बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तत्काल मदद भी मांगी है. त्रिपुरा में भी हालात में पहले के मुक़ाबले सुधार हुआ है लेकिन अब भी यहां क़रीब 40 हज़ार लोग राहत शिविरों में फंसे हुए हैं.
असम के छह जिलों में बाढ़ से लगभग 4 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के मुताबिक होजई, कर्बी आंगलांग पश्चिम, गोलाघाट, करीमगंज, हेलकांडी और कचरा जिलों में 4. 48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.ब्रह्मपुत्र नदी अभी जोरहाट में निमातीघाट और कचार में एपी घाट में खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रही है. धनसीरी जैसी अन्य नदियां भी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. मणिपुर की इंफाल घाटी में बड़ी नदियों का जलस्तर घटना शुरू हो गया है. सिर्फ लिलोंग नदी चेतावनी के स्तर से कुछ ऊपर बह रही है.
पूर्वोत्तर में ‘जल प्रलय’, अब तक 23 की मौत, असम में बाढ़ के कारण 4 लाख लोग प्रभावित
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