नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रहा विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. हाइकोर्ट ने इस मामले में अब मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल और उनकी सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि उपराज्यपाल के घर पर वह किसकी इजाजत से धरने पर बैठे.
अफसरों की कथित हड़ताल के मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री एलजी हाउस में पिछले 8 दिन से हड़ताल पर बैठे हैं. इस मामले में दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक विजेंदर गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा, ये धरना किसकी अनुमति से हो रहा है. क्या इसकी मंजूरी कैबिनेट की बैठक में ली गई. अगर ये धरना है तो ये एलजी हाउस में नहीं हाेना चाहिए. इस मामले में अगली सुनवाई 22 जून को होगी. इससे पहले हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, इसे आप धरना नहीं कह सकते. आप इस तरह से किसी के ऑफिस या घर में जाकर धरने पर नहीं बैठ सकते.इस मामले में दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, आईएएस अफसर कल ये स्वीकार कर चुके हैं, कि वह सरकार के मंत्रियों द्वारा बुलाई बैठक में वह शामिल नहीं होते. इसके बाद कोर्ट ने पूछा इसका मतलब ये होगा कि आप धरना दे रहे हैं. इस तरह के धरने के लिए आपको किसने अधिकृत किया. वकील ने कहा, ये व्यक्तिगत निर्णय है.
आपको बता दें कि आईएएस अधिकारियों की हड़ताल खत्म किये जाने की मांग को लेकर आज लगातार आठवें दिन उप-राज्यपाल अनिल बैजल के दफ्तर में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट सहयोगी धरना दे रहे हैं. वहीं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भूख हड़ताल पर हैं. जैन को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित तौर पर हुई मारपीट के बाद आईएएस अधिकारी हड़ताल पर चले गए थे.