रांची : झारखंड के खूंटी से अगवा किए तीन जवानों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन जारी है. दूसरे ज़िलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल और RAF के सुरक्षाकर्मी को बुलाया गया है. मंगलवार को बीजेपी सांसद करिया मुंडा के घर पर हमला कर पत्थलगड़ी समर्थकों ने उनके तीन सुरक्षा गार्डों को अगवा कर लिया था. जवानों के इंसास राइफ़ल भी लूट ली. इन जवानों को घाघरा में रखा गया है. रात भर पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थक आमने-सामने डटे रहे. आईजी, डीआईजी, डीसी, एसपी समेत क़रीब 500 जवानों ने खूंटी की जंगलों में रात बिताई. अब सुबह फिर से जवान ऑपरेशन में जुटे गए हैं.
दरअसल, खूंटी में 5 लड़कियों के गैंगरेप मामले में नाम आने के बाद कार्रवाई करने पहुंची पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थकों के बीच जमकर टकराव हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो जवाब में पत्थलगड़ी समर्थकों ने पुलिस पर तीर-धनुष से हमला कर दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए. बाद में पथलगड़ी समर्थकों ने करिया मुंडा के घर से उनकी सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया.
कल रात पुलिस ने अपने अपहृत जवानों की स्थिति का पता लगा लिया था और ग्रामीणों से उन्हें छोड़ने की अपील की थी लेकिन उनके साथ एकत्रित गुंडों ने पुलिस प्रशासन पर ही अपनी शर्तें मानने का दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पत्थलगड़ी समर्थक पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गये अपने कुछ लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि उनकी रिहाई पर ही सांसद के अंगरक्षकों को छोड़ा जायेगा.
कल रात ही पुलिस प्रशासन ने इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली थी. पुलिस ने बताया कि राज्य सरकार की विकास की नीति के खिलाफ कुछ उग्रवादी और स्थानीय ईसाई मिशनरियां एकजुट होकर स्थानीय आदिवासियों को भड़का रही हैं और खूंटी में गांवों के बाहर पत्थर गाड़ कर उस पर स्थानीय प्रशासन के प्रवेश को रोकने की बात लिख रही हैं. प्रशासन के लोगों के गांवों के भीतर जाने पर ये गुंडे गरीब आदिवासियों को एकजुट कर उन पर हमला कर देते हैं.
पुलिस ने बताया कि इन्हीं पत्थलगड़ी समर्थकों और ईसाई मिशनरी के लोगों ने मिलकर 19 जून को खूंटी में एक ईसाई मिशनरी में नुक्कड़ नाटक कर रहे समूह की पांच युवतियों का अपहरण कर उनके साथ गैंगरेप किया. पुलिस ने उक्त मामले में मिशन के एक पादरी समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है और छह अन्य की तलाश कर रही है.