लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले बुधवार को सीएम योगी संत कबीर नगर के मगहर में कबीर की मज़ार पर पहुंचे और वहां तैयारियां का जायजा लिया. इस दौरान मजार के एक मौलवी ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की, लेकिन योगी ने मौलवी का हाथ पकड़कर टोपी को दूर कर दिया. इससे पहले साल 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीन दिन के सद्भावना उपवास के दौरान एक मुस्लिम मौलाना की ओर से दी गई टोपी नहीं पहनी थी. आपको बता दें कि कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर पीएम मोदी गुरुवार को यूपी के संत कबीर नगर में होंगे. जहां वो कबीर एकेडमी रिसर्च संस्थान की आधारशिला रखेंगे. इस दौरान पीएम एक रैली को भी संबोधित करेंगे. साथ ही कबीर की मज़ार पर जाकर चादर भी चढ़ाएंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर कबीर पन्थियों से लेकर मगहर वासियो में खासा उत्साह है. लोगों का मानना है कि पीएम के आने के बाद सालों से बंद पड़ी मगहर की कताई मिल और गांधी आश्रम के दोबारा चालू होने की संभावना बढ़ गई है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संत कबीर नगर दौरा 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रचार की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में इस कार्यक्रम में कोई कमी न रह जाए, उसे लेकर बीजेपी और सरकार दोनों ने कमर कस ली है. मालूम हो कि कबीर दास 15वीं सदी के प्रसिद्ध कवि और संत थे. महात्मा कबीर का जन्म बनारस के लहरतारा में 1456 ई. में हुआ था. सूफी कबीर ने जीवन के अंतिम तीन वर्ष मगहर में बिताए. 1575 ई में मगहर में कबीर दास की मृत्यु हुई.
कबीर की मजार पर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने टोपी पहनने से किया इनकार
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