नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। अलीगढ़ में भी इसका व्यापक असर देखा गया। इसकी भरपाई के लिए बवालियों से वसूली किए जाने के निर्णय के बाद से मुकदमों की संख्या बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में 15 दिसंबर के बवाल में आरएएफ की ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
कमांडेंट की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में 10 हजार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शिकायत में बवाल के दौरान आरएएफ के नुकसान का उल्लेख किया है। कमांडेंट की ओर से सरकारी कार्य में बाधा, बल्वा व 144 के उल्लंघन की धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा गया है कि डीएम के बुलावे पर उनकी वाहिनी ने दो कंपनी क्रमश: A / 108, D / 108 एएमयू सर्किल पर तैनात थी।
इसी दौरान बवाली युवकों/छात्रों की भीड़ ने हंगामा करते हुए हमला बोल दिया। काफी प्रयास के बावजूद जब वो लोग नहीं माने, तो उनपर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अनुमति से हल्का बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और हल्का लाठी बल प्रयोग किया गया। इस घटना में खुद कमांडेंट पुनीत कौलधर के अलावा, सहायक कमान अधिकारी भावेश चौधरी, सहायक अधिकारी कासिम फहीम, निरीक्षक नीरज धामा, एसआई जेडी अंसारी, अरविंद त्रिगुनाइत, चरन सिंह, नीरज, राम दुलारे, हरवीर, अरुणवीर आदि जख्मी हुए।
इस बवाल में एक वरुण वाहन, एक फायर टेंडर वाहन, दो वज्रा वाहन, एक टाटा बस, एक आयशर वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा आरएएफ के जो नॉन एलेथिकल हथियार चले, खर्च हुए या क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनका भी उल्लेख किया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस अमित कुमार के अनुसार एएमयू बवाल में जो दो मुकदमे दर्ज हुए हैं, उन्हीं में इसे शामिल किया गया है।