इस पुल के निर्माण से चीन से सटे फारवर्ड इलाकों में सैनिकों और सैन्य हथियारों को ले जाने में मदद मिलेगी।
मोदी सरकार ने आज अपने ऐतिहासिक तीन साल पूरा कर लिए है और साथ ही एशिया के सबसे बडे़ पुल का उद्घाटन कर के देश के पूर्वर्वोत्तर राज्यो के विकास को नयी दिशा दिखाने का काम किया है।
मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री शुक्रवार को एशिया के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन करेंगे। ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक लोहित नदी पर बने ढोला-सदिया पुल से दो राज्य अरुणाचल और असम की दूरी कम हो जाएगी।
इसका उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी डिब्रुगढ़ पहुंच चुके हैं। यह पुल अॉपरेशनल होने से सेना को मदद मिलेगी। इससे चीन से सटे फारवर्ड इलाकों में सैनिकों और सैन्य हथियारों को ले आने जाने में मदद मिलेगी।
ये पुल चीन की सीमा से महज 100 km दूर है। जिससे कम समय में चीन बार्डर भी पहुंचा जा सकता है। इस वजह से सामरिक दृष्टि से भी ये काफी महत्वपूर्ण है। यह पुल 1 हजार करोड़ रूपए की लागत से बना है।